सगीर अमान उल्लाह
बाराबंकी : सुबह हुई बेमौसम बरसात व पछुआ हवाओं के झोंकों ने किसानों पर जमकर कहर बरपाया खेतों में खड़ी सैकड़ों बीघा गेहूं की फसल चटाई की तरह लेट गई जिससे अन्नदाता किसान एक बार फिर अपने भविष्य को लेकर सोचने पर मजबूर हो गया किसानों ने अपने खेतों में करीब 3 माह पूर्व गेहूं की फसल की बुवाई किया था शुरुआती दौर से फसल विगत वर्षों की भांति इस वर्ष काफी हद तक अच्छी थी पौधों का विकास भी काफी हुआ था जिसे देखकर के किसान काफी खुश थे तमाम किसानों ने महंगे उर्वरक कीटनाशक सिंचाई आदि करके फसल को तैयार किया था जिसमें बालियां भी निकल चुकी थी फसल पकना बाकी थी कि एकाएक शुक्रवार की सुबह हुई जोरदार बारिश के साथ पछुआ हवाओं के तेज झोकों ने किसानों पर जमकर कहर बरपाया खेतों में खड़ी सैकड़ों बीघा गेहूं की फसल चटाई की तरह लेट गई जिससे किसानों को अपने आगे की रोटी का सहारा भी हाथ से छिनता दिखाई दे रहा है जिससे अन्नदाता किसान एक बार फिर अपने भविष्य को लेकर सोचने पर मजबूर हो गया हैं
इस संबंध में किसान विनोद कुमार परशुराम राम सजीवन जग प्रसाद कृष्ण कुमार यादव शिवराम राजिन्दर राजा राम आदि बताते हैं कि किसान हमेशा घाटे की खेती करते चले आ रहे हैं कई बार फसलें ओलावृष्टि का शिकार हुई तेज बरसात ने किसानों पर कहर बरपाया जब दानों का विकास होने का समय है तो बेमौसम हुई बरसात ने किसानों को कहीं का नहीं छोड़ा लेकिन भाई क्या किया जाए ईश्वर को जो मंजूर होता है वही होता है ।
0 टिप्पणियाँ