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बाराबंकी : सांसद उपेंद्र सिंह रावत ने कवि सम्मेलन का उद्घाटन किया

  मोहसिन रज़ा

 बाराबंकी : जैदपुर नगर पंचायत क्षेत्र में स्थित बाला जी धाम, रामलीला मैदान में सांसद उपेन्द्र सिंह रावत द्वारा आयोजित विशाल कवि सम्मेलन में जहां नामचीन कवियों ने अपनी रचनाओं से स्रोताओं को भाव विभोर किया वहीं क्षेत्र से भारी संख्या में आये लोगों का सांसद ने स्वागत अभिनंदन कर उनके प्रति आभार व्यक्त किया। कवि सम्मेलन का शुभारंभ दीप प्रज्वलन व मां सरस्वती और पंडित दीन दयाल उपाध्याय के चित्र पर माल्यार्पण करके किया गया। इस अवसर पर राज्यमंत्री सतीश चंद्र शर्मा ने कहा कि  कविताएं हमें शिक्षा से जोड़ती हैं, पंडित दीन दयाल उपाध्याय जी के अंत्योदय का संकल्प पूरा करने में कविताओं का बड़ा योगदान है। सभी कवियों व कार्यकर्ताओं का स्वागत करते हुए सांसद उपेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि कवि समाज को, सरकार और राजनीति को आइना दिखाते हैं, 

कवि सम्मेलन में धौलपुर राजस्थान से कवि रामबाबू सिकरवार ने अपनी रचना-

जो वतन की खातिर मिटे,उनको सलाम है,जाबांज सैनिकों को कोटिशः प्रणाम है,

आतंकवादियों को घर मे घुसके मारकर, 

दुनिया को बता दिया ये हिन्दोस्तान है... पर स्रोताओं की खूब ताली बजी। वाह रे बाबा योगी, चुप कर दिया सभी विरोधी, तेरे आगे जो आये, वह बकरी सा मिमियाए... वाह रे बाबा योगी... पर स्रोता खूब हंसे।

हापुड़ के कवि डॉ अर्जुन सिसौदिया ने अपनी रचना पढ़ी- शेखर, सुभाष अशफाक की धरा है,

यहां क्रांति का प्रवाह कभी रुकने ना पायेगा,

सवा सौ करोड़ दिलों को लहराता हुआ ये लाडला तिरंगा कभी झुकने ना पायेगा...

कवि शिव किशोर खंजन की रचना- सिर्फ गंगा नहाने से कोई निर्मल नही होता,  

दुःखी जन श्राप दे जो कभी निष्फल नही होता... खूब सराही गई।

प्रसिद्ध कवि कमलेश मौर्य "मृदु" ने पढ़ा- ईश्वर का रूप है या देवता लिखूं हर मर्ज की दवा लिखूं...

दिल्ली से आये कवि आनंद नारायण ने अपनी रचना पढ़ी- प्रथम प्रेम से नेह निमंत्रण,

सबके संग अपनी जय बोल,

मातृ शक्ति का नमन निरंतर,

हे शक्ति सदा तेरी जय बोल...

मिश्रिख से आये जगजीवन मिश्र ने अपनी रचना- 

राह पर आंख खोलकर जाएं,

रिश्ते बिन भाव तोलकर जाएं,

जाना सबको है एक दिन आखिर,

क्यों न जय हिंद बोलकर जाएं...

कवि सम्मेलन का संचालन कर रहे राम किशोर तिवारी"किशोर" ने अपनी रचना-

तुम स्वयं अपना दीपक जलाओ सखे,

सो गई चेतना को जगाओ सखे,

रोशनी खुद तुम्हें देखने आएगी,

यह निराशा की चादर हटाओ सखे... पर खूब ताली बजी।

प्रसिद्ध ओज कवि डॉ अम्बरीष अम्बर जी अपनी रचना- 

उठे जो भाव इस दिल मे सवँरकर छंद हो जाये,

लगे करने कली मह मह प्रबल मकरंद हो जाये,

करोड़ो देवताओं से विनय है देश के खातिर,

कृपा कर दो कि हर बच्चा विवेकानंद हो जाये... पढ़ी तो स्रोताओं की खूब ताली बजी।


कवि सम्मेलन में राजकुमार सोनी ने अपनी रचना- भारत के भाल को झुकने नही देंगे,

अब राष्ट्र द्रोहियों को यहां टिकने न देंगे...पढ़ी।

 

कवियत्री अंकिता शुक्ला ने सरस्वती वंदना पढ़ी और बेटी की रचना- कब तलक खलती रहेंगी बेटियां,

आग में जलती रहेंगी बेटियां,

कोख मा की अंकिता मजबूर है,

कब तलक मरती रहेंगी बेटियां... पढ़ी।

हास्य कवि प्रदीप महाजन ने अपनी रचना-

प्रभु को कोई मेवे का या सूखा भोग लगाता हो,

स्वर्ग उसे मिल जाएगा जो मां के पैर दबाता हो,

कोई फर्क नही पड़ता है, पैर दबाना मत भूलो, 

चाहे अपनी माता हो या फिर बच्चों की माता हो... पर स्रोताओं की खूब ताली बजी।

कवि सम्मेलन में मिश्रिख के कवि जगजीवन मिश्र की बेटी के चित्रण की रचना पर स्रोताओं की आंखों में आँसूं आ गए। कवि सम्मेलन में रवि अवस्थी, हास्य कवि अजय प्रधान, ओज कवि शिवकुमार व्यास ने अपनी रचनाओं को पेश किया जिसे स्रोताओं ने खूब सराहा।

कवि सम्मेलन में भाजपा जिलाध्यक्ष श्री शशांक कुसमेश, पूर्व जिलाध्यक्ष श्री सन्तोष सिंह, श्री अवधेश श्रीवास्तव, हैदरगढ़ विधायक  श्री दिनेश रावत, वरिष्ठ भाजपा नेता सुधीर कुमार सिंह सिद्धू, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के जिला प्रचारक श्री अभिषेक जी, जिला कार्यवाह श्री सुधीर तिवारी जी, महामंत्री श्री संदीप गुप्ता जी, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती राजरानी रावत,  पूर्व एमएलसी हरगोविन्द सिंह, ब्लॉक प्रमुख श्री धर्मेंद्र यादव, सुनील सिंह, रवि रावत,महामंत्री श्री अरविंद मौर्य, किसान मोर्चा के जिलाध्यक्ष आसुतोष अवस्थी, राजेश वर्मा, गुरुशरण सिंह लोधी, जिला उपाध्यक्ष श्रीमती रचना श्रीवास्तव, पूर्व महामंत्री हर्षित वर्मा, मण्डल अध्यक्ष संजय अवस्थी सहित कई मंडलों के मंडल अध्यक्ष, महामंत्री और वरिष्ठ कार्यकर्ताओं सहित हजारों की संख्या में लोग उपस्थित रहे।

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