आफताब कमाल खान
इटवा सिद्धार्थनगर। इटवा क्षेत्र के पकरैला स्थित शिवमंदिर पर चल रहे नौ दिवसीय श्री राम कथा में अयोध्या से आये कथा वाचक रामकुमार जी महाराज ने राम विवाह की कथा सुनाई कथा सुन श्रद्धालु हर्षित हो जयकारा लगाने लगे।जय करो से पूरा पंडाल झूम उठा।
कथा वाचक ने कहा कि राजा जनक के दरबार मे भगवान शिव की धनुष रखा हुआ था एक दिन सीता ने घर की सफाई करते हुए उसे उठा कर दूसरी जगह रख दिया।यह देख राजा जनक को आश्चर्य हुआ कियूंकि भगवान शंकर का पिनाक धनुष किसी से उठाया नही था।राजा ने प्रतिज्ञा की की जो इस धनुष पर प्रत्यंचा चढ़ाएगा उसी से सीता का विवाह होगा ।उन्होंने स्वयंबर की तिथि निर्धारित कर सभी देश के राजा और महाराजा को निमंत्रित पत्र भेजा ।समारोह में अयोध्या के राजा दसरथ के पुत्र राम व लक्ष्मण अपने गुरु विश्वामित्र के साथ उपस्थित हुए।जब धनुष पर प्रत्यंचा चढ़ाने की बारी आई तो वहां मौजूद किसी भी राजा ने प्रत्यंचा तो दूर धनुष को हिला तक नही सके।इसके बाद गुरु विश्वामित्र की आज्ञा से राम ने धनुष उठाया और प्रत्यंचा चढ़ाते हुए धनुष टूट गया ।इसके बाद धूमधाम से सीता व राम का विवाह हुआ ।माता सीता ने जैसे ही प्रभुराम को वरमाला डाली वैसे ही वैसे ही देवता फूलों की वर्षा करने लगे।इस दौरान अयोध्या धाम से पधारे कथा आयोजक बालसंत अंशुदास जी,कथा आचार्य संजय जी ,डॉक्टर अमित विश्वकर्मा, सुमित,रामअचल ,राधिका प्रसाद सुरेश यादव ,आदि लोग मौजूद रहे।
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