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अवध भारती संस्थान,आँखें फाउण्डेशन द्वारा संयुक्त संगोष्ठी हुई आयोजित

  रहमान खान

 बाराबंकी। कथाकार फणीश्वरनाथ रेणु के जन्मशती वर्ष में अवध भारती संस्थान,आँखें फाउण्डेशन व साहित्य समीक्षा परिषद द्वारा संयुक्त रूप से लखपेड़ाबाग में साहित्यकार आर एन लाल श्रीवास्तव के आवास पर संगोष्ठी आयोजित की गई  रेणु के कथा साहित्य पर परिचर्चा करते हुए संगोष्ठी-संयोजक डॉ बृज किशोर पाण्डेय ने कहा कि इनके साहित्य में सृजित पात्र आज भी लोगों की स्मृतियों में जीवंत हैं यही रेणु के साहित्य की सफलता हैसमीक्षक साहित्यकार डॉ विनयदास ने फणीश्वरनाथ और मुंशी प्रेमचंद की तुलनात्मक समीक्षा प्रस्तुत की तो गंगा देवी यादव मेमोरियल महिला महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ ऋषि केश सिंह  ने उपन्यास मैला आँचल की कथावस्तु, कथा शिल्प पर समीक्षात्मक आलेख पढ़ा।अवधी अध्ययन केन्द्र उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष प्रदीप सारंग ने कहानी-संवदिया के शिल्प कथ्य और सामाजिक संवेदनाओं पर चर्चा प्रस्तुत की गीतकार लता श्रीवास्तव एडवोकेट की अध्यक्षता व बाबू ओएन शुक्ला इण्टर कालेज बंकी के प्रिंसिपल हरिनारायण पांडेय के संचालन में सम्पन्न संगोष्ठी को साहित्यकार आर एन लाल श्रीवास्तव द्वारा बीच-बीच में की गई समीक्षात्मक टिप्पणियों ने और अधिक गम्भीरता प्रदान करते हुए ज्ञानवर्धक बना दिया,श्रीवास्तव ने अपने संबोधन में यह भी कहा कि ऐसी समीक्षात्मक संगोष्ठियाँ साहित्यिक मेधा को धार प्रदान करती हैं। कवि ओंकार नाथ शुक्ला ने रेणु के कथा साहित्य में राष्ट्रवाद के उदात्त भाव की कमी को रेखांकित किया वहीं डॉ प्रदीप श्रीवास्तव ने उन्हें जनसंवेदनावों और सामाजिक विकृतियों का सफल चितेरा कहा। संगोष्ठी को डॉ राम सुरेश वर्मा सहित अनेक साहित्य-मनीषियों ने भी संबोधित किया। संगोष्ठी-अध्यक्ष लता श्रीवास्तव, ओंकारनाथ शुक्ला, प्रदीप सारंग ने काव्यपाठ भी किया।

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