रिजवान अहमद
बाराबंकी। मसौली विकास खण्ड की ग्राम पंचायत रसौली मे डेंगू और बुखार के कहर से गांव के बाशिंदे हलकान हैं। ग्राम मे भीषण गंदगी जगह जगह कूड़े के ढेर , टूटी-फूटी बजबजाती नालियां मच्छरों के रैन बसेरे और संक्रामक रोगों के मैन्यूफैक्चरिंग हब बने हुए हैं। मांस की दूकानों के संचालक मांस अवशेष का गंदा कचरा तालाबों के किनारे फेक देते हैं। विगत एक माह से ग्राम के कई सैकड़ा लोग डेंगू और संक्रामक बुखार की चपेट मे आ चुके हैं दर्जनों लोग शहर के विभिन्न अस्पतालों मे भर्ती होकर अपना इलाज करा रहे हैं कई लोगो की पूर्व डेंगू की चपेट मे आकर मौत हो चुकी हैं मोहल्ला कटरा निवासी रियाज की 40 वर्षीय पत्नी अपनी जान गंवा चुकी है। वह कई दिनों से बुखार से पीड़ित थी जांच मे डेंगू की पुष्टि हुई थी,इससे दो सप्ताह पूर्व ग्राम के मोहल्ला मसूद-कटरा निवासी मोहम्मद आलम के 20 वर्षीय पुत्र शाहबे आलम की मौत हो गयी थी गांव मे साफ- सफाई और मच्छर उन्मूलन के लिए जिम्मेदार संस्थाओं के उत्तरदायियों द्वारा उस दिशा मे किये गए कार्य नाकाफी हैं,रसौली गांव मे फैला हुआ गंदगी का साम्राज्य, जिम्मेदार संस्था द्वारा सफाई के नाम पर किये गए सरकारी धन की सफाई की असल कहानी खुद बयान कर रहा है गांव मे पंचायत भवन के पिछवाड़े ,कुरेशी मुहल्ला,कटरा,पूर्व माध्यमिक विद्यालय, कटरा मे आंगन बाड़ी ,इमलीगढा तालाब ,खतीर तालाब और डिगिहा तालाब के किनारे गंदगी के अंबार लगे हुए हैं पंचायत मे तैनात सफाई कर्मी पंचायत भवन,और प्रधान के घर के आसपास झाड़ू-बुहारी करके अपने कर्तव्य की इतिश्री कर देते हैं यदा-कदा गांव की किसी नाली से कूड़ा और बरसाती-पन्नी निकालते भी हैं तो वह नाली के किनारे सूख कर फिर से नाली मे चली जाती हैं।
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