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प्राइवेट शिक्षक की बेटी बनी डिप्टी एसपी, गांव का नाम किया रोशन


   सगीर अमान उल्लाह

  मसौली, बाराबंकी। कौन कहता है आसमान में सुराख नहीं हो सकता एक बेटी के हर पत्थर ने सुविधाओं के विस्तृत आसमान को छेद कर अपना लक्ष्य पा लिया। लगातार तीसरी बार पीसीएस की परीक्षा पास कर पहले वन क्षेत्रधिकारी,जिला समाज कल्याण अधिकारी और अब डिप्टी एसपी बनकर गांव एव जिले का नाम रोशन किया है। 
 क्षेत्र के ग्राम दहेजिया मजरे ज्योरी निवासी प्राइवेट स्कूल के संचालक व शिक्षक मास्टर रामनरेश यादव की बेटी प्रियंका यादव ने अपने पहले प्रयास में ही यूपी पीसीएस की परीक्षा पास कर क्षेत्रीय वन अधिकारी बनी हैं। प्रियंका यादव के पिता रामनरेश यादव ने अपने गांव में ही अपने निजी खेत में छप्पर डाल कर दो दशक पूर्व नेता सुभाष चंद्र बोस के नाम से स्कूल की शुरआत किया था तो किसी को यह नही पता था कि छप्पर के नीचे पढ़ने वाली गांव की बेटी एक दिन पिता के सपनों को साकार कर पीसीएस अधिकारी बनेगी। जूनियर के बाद हाई स्कूल आइडियल इन्टर कालेज मोहम्मदपुर बाहु सहादतगंज व इंटरमीडिएट युग निर्माण इन्टर कालेज हरख, बीएसी मुंशी रघुनन्दन प्रसाद पटेल डिग्री कालेज बाराबंकी तथा एम ए सहयोगी आरबी परास्नातक महाविद्यालय खुशहालपुर से करने के बाद पीसीएस क्षेत्रीय वन अधिकारी की तैयारी में समाज कल्याण विभाग उत्तर प्रदेश द्वारा संचालित आदर्श पूर्व परीक्षा प्रशिक्षण केंद्र अलीगंज लखनऊ में 5 महीने की कोचिंग की जिसमे उपनिदेशक सुनीता यादव के मार्गदर्शन में बेहतर तैयारी की जिनके ही आशीर्वाद का नतीजा रहा कि पहले ही प्रयास में  पीसीएस परीक्षा पास कर वन क्षेत्रधिकारी बनी लेकिन निरन्तर प्रयास में जुटी गांव की बेटी ने पुनः दूसरी बार पीसीएस परीक्षा कर जिला समाज कल्याण अधिकारी बनी लेकिन आगे के लक्ष्य को प्राप्त करने के प्रयासरत वर्ष 2021 की पीसीएस परीक्षा तीसरी बार उतीर्ण कर डिप्टी एसपी बन कर क्षेत्र का गौरव बढ़ाया और यह साबित कर दिया कि शहरों के बड़े बड़े महंगे स्कूलों के पढ़ने वाले बच्चे ही अधिकारी नही बन सकते बल्कि गांव के छप्पर नुमा स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे भी अधिकारी बन सकते है।
 
आईएएस बनने का सपना

पीसीएस की परीक्षा पास कर जिले का नाम रोशन करने वाली प्रियंका यादव ने अभी ऊँची उड़ान की बात करते हुए कहा कि अभी तो इस बाज की असली उड़ान बाकी है,अभी तो इस परिंदे का इम्तहान बाकी है,प्रियंका ने बताया,मैं मध्यम वर्गीय परिवार से ताल्लुक रखती हूं.मेरे पिता रामनरेश यादव निजी स्कूल के संचालक एव शिक्षक हैं और मेरी मां रामरती यादव जो ग्रहणी हैं. मेरे दो बड़े भाई हैं और घर की मैं ही सबसे छोटी बेटी हूं.मेरा परिवार पूरी तरह से गांव से जुड़ा हुआ है. जिस माहौल से मैं आती हूं वहां लड़कियों का घर से निकलना भी मुश्किल हो जाता है, लेकिन मेरे माता-पिता ने मुझे काफी सपोर्ट किया.इसलिए अपनी सफलता का श्रेय उन्हें देना चाहती हूं क्योंकि चुनौतियों के बीच उन्होंने मुझे आगे बढ़ने का मौका दिया. मुझे अभी भविष्य में काफी कुछ करना है. मेरा सपना आईएएस बनने का है

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