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आचार्य नरेन्द्र देव की 134 वीं जयन्ती पर गांधी भवन में कार्यक्रम


इरशाद खान 

बाराबंकी। स्वतंत्रता संग्राम सेनानी एवं समाजवादी पुरोधा आचार्य नरेन्द्र देव की 134वीं जयन्ती पर नगर के गांधी भवन में उन्हें याद किया गया। सोमवार को गांधी जयन्ती समारोह ट्रस्ट द्वारा आयोजित संगोष्ठी की अध्यक्षता कर रहे समाजवादी चिन्तक राजनाथ शर्मा ने कहा कि आचार्य नरेन्द्र देव महात्मा गांधी के विचारों से काफी निकट रहे। लेकिन वह कभी ‘गांधीवादी’ नहीं बन सके। उन पर मार्क्सवाद का गहरा प्रभाव था। यही कारण रहा कि उन्होंने किसानों और मजदूरों को संगठित किया और उनके लिए कई आन्दोलन भी किए। आचार्य नरेन्द्र देव ने समाजवाद का जो रास्ता दिखाया उसपर चलना तो दूर की बात, उन्हें याद करना भी लोगों को मुश्किल पड़ रहा है। आचार्य नरेन्द्र देव ने कांग्रेस सोशलिस्ट पार्टी का गठन कर समाजवादी आन्दोलन को खड़ा किया। आचार्य नरेन्द्र देव नैतिकता को आदर्श मानने वाले व्यक्ति थे। उन्होंने जीवनभर अन्याय और शोषण का प्रतिकार किया।पूर्व विधायक सरवर अली खान ने कहा कि आचार्य नरेन्द्र देव ने 1920 में असहयोग आंदोलन के दौरान अवध क्षेत्र के 4 प्रमुख जनपद रायबरेली, फैजाबाद, प्रतापगढ़ और सुल्तानपुर में किसान आंदोलन को तेजी से चला। आचार्य नरेन्द्र देव ने इस आंदोलन का खुलकर समर्थन किया तथा उनके प्रभावशाली भाषण के चलते हजारो किसान आंदोलन में डटे रहे। उन्होंने 1936 में भारतीय किसान सभा की स्थापना की। जो किसानों की लड़ाई का पुरजोर समर्थन करती और उन्हें उनका वाजिब हक़ दिलाती थी।समाजसेवी वासिक रफीक वारसी ने कहा कि आचार्य नरेन्द्र देव समाजवादी आन्दोलन के युग पुरूष थे। उन्होंने समाजवाद को नई दिशा और नीति प्रदान की। आचार्य जी को सच्ची श्रद्धांजलि यही होगी कि हम उनके पथ पर चलकर समाजवादी समाज की रचना के लिए किसानों, मजदूरों और नवजवानों को संघर्ष के लिए प्रेरित करें।सभा का संचालन पाटेश्वरी प्रसाद ने किया। इस मौके पर प्रमुख रूप से विनय कुमार सिंह, शिवशंकर शुक्ला, साकेत संत मौर्य, मृत्युंजय शर्मा, हुमायूं नईम खान, विजय कुमार सिंह ‘मुन्ना’, धनंजय शर्मा,सत्यवान वर्मा,भागीरथ गौतम,नीरज दूबे,राजेश यादव, संतोष शुक्ला,अशोक जायसवाल,मनीष सिंह,अश्वनी शर्मा,अनिल यादव,मनीश खेतान, अजीज अहमद, जमाल नईम खान सहित कई लोग मौजूद रहे।

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