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लखनऊ : जन सुनवाई पोर्टल बना अवैध वसूली का नया अड्डा

 कुछ लोग फ़र्ज़ी शिकायत के नाम पर एलडीए के माध्यम से कर रहे अवैध वसूली

 मोहम्मद सैफ साबरी

लखनऊ। जनसुनवाई पोर्टल योगी आदित्यनाथ द्वारा प्रदेश में पनप रहे अपराध एवं भ्रष्टाचार को रोकने के लिए शुरू किया गया था। जिस पर व्यक्ति अपनी शिकायत सीधे मुख्यमंत्री तक कर सकता है। कहीं हद तक इस से भ्रष्टाचार पर रोक भी लगी है मुख्यमंत्री की पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराने के बाद संबंधित अधिकारी से रिपोर्ट मांगी जाती है। एवं घटना का पूरा जवाब देना पड़ता है। जिस से अधिकारी बच नहीं पाते यह अलग बात है कि ऊपर बैठे लोगों को शिकायत का निस्तारण करने के नाम पर संबधित अधिकारी गुमराह कर अपना दामन बचा जाते है। वहीं दूसरी तरफ जनसुनवाई पोर्टल एलडीए विभाग के अधिकारियों के लिए वरदान साबित हो रहा है। और अवैध वसूली करने के लिए नया माध्यम बनता जा रहा है।

   मालूम हो कि शहर में हो रहे अवैध निर्माण पर मुख्यमंत्री के सख्त आदेश के बाद कथित शिकायत कर्ताओं की भी भरमार हो गई है। मौजूदा समय में बेटा बाप की तो सुनता नहीं, तो सरकार की इतनी हमदर्दी क्यों और किस लिए की जा रही है यह एक सोचनीय विषय है। एलडीए के सूत्रों की मानें तो सहायक अभियंता अवर अभियंता एवं सुपरवाइजर की शिकायत दबाव बनाने की गरज़ से की जाती है। जिस से शहर में हो रहे अवैध निर्माण करने वाले बिल्डरों से मोटी रकम वसूली जा सके। एक मोबाइल नंबर से 4 से 5 लोग शिकायत करते हैं। इस पर मुख्यमंत्री योगी को विशेष ध्यान देना चाहिए। जबकि जनसुनवाई पोर्टल लोगों की समस्याओं के लिए बना है। इसको कथित शिकायतर्कताओं वसूली का माध्यम बना लिया है। एक व्यक्तिगत एक ही बिल्डिंग की शिकायत कर सकता पूरे शहर में हो रहे निर्माण की शिकायत नहीं। इसका मतलब एलडीए के कुछ अधिकारियों एवं शिकायतकर्ताओं की मिली भगत से यह गोरखधन्दा फल फूल रहा है। शहर में कहां निर्माण हो रहा कहां से धन उगाही हो सकती है। इन अवैध वसूली करने वाले लोगों को बखूबी जानकारी रहती है। इस पर उच्च अधिकारियों को ध्यान देकर अविलम्ब कार्यवाई करना होगी जिस से अवैध निर्माण करने एवं वसूली करने वाले गैंग पर रोक लगाई जा सके।

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