हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के माध्यम से संभावित मरीजों की हो रही तलाश
असदुल्लाह सिद्दीकी
सिद्धार्थनगर। स्वास्थ्य विभाग ने सीएचओ के साथ एएनएम व आशा की तय की है जिम्मेदारी चार दिनों की जांच में अब तक 115 संभावित मरीजों का लिया गया सैंपल
स्वास्थ्य विभाग टीबी से मुक्ति के लिए गांव-गांव संभावित मरीजों की तलाश कर रहा है। यह मरीज ग्रामीण क्षेत्रों में चल रहे स्वास्थ्य इकाई हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर (एचडब्लूसी) के जरिए खोजे जा रहे हैं। विभाग ने इसके लिए कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर (सीएचओ), एएनएम व आशा की जिम्मेदारी तय कर रखी है। चार दिनों के अभियान में अब तक 115 संभावित मरीजों के सैंपल लिए गए हैं।
राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम के जिला समन्वयक पंकज त्रिपाठी ने बताया कि देश से वर्ष 2025 तक क्षय उन्मूलन का लक्ष्य निर्धारित है। भारत के क्षय रोगियों का पांचवां भाग यानी 20 प्रतिशत रोगी प्रदेश में हैं। इन रोगियों की तलाश के लिए 23 अगस्त से 30 सितंबर तक शासन के दिशा-निर्देश पर विशेष अभियान प्रारंभ किया गया है। टीबी के संभावित रोगी हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के जरिए तलाश किए जा रहे हैं। रोगियों की तलाश के लिए कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर (सीएचओ), बीसीपीएम व टीबी चैंपियन को प्रशिक्षण दिया गया है। उप नोडल अधिकारी डॉ. मानवेंद्र पाल ने बताया कि ग्रामीण स्तर पर जिले भर में 215 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर हैं और इन पर 215 सीएचओ तैनात हैं। सीएचओ विभाग का मजबूत अंग है, इसलिए अभियान में सीएचओ को जोड़ते हुए ग्रामीण स्तर से टीबी मुक्ति का अभियान चलाया गया है।
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सीएचओ निभाएंगे जिम्मेदारी
शोहरतगढ़ क्षेत्र के बगुलहवा हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर तैनात सीएचओ फुलवंत गोंड ने बताया कि टीबी के लक्षण, बचाव व सैंपल लेते समय बरती जाने वाली सतर्कता आदि के बारे में पहले से जानकारी है। प्रशिक्षण मिलने के बाद ग्रामीण स्तर पर मरीजों की तलाश करने के बाद उनके उपचार की अतिरिक्त जानकारी मिल सकी है। इस अभियान में एएनएम व आशा कार्यकर्ता के माध्यम से क्षय रोगियों का चिन्हीकरण व जांच करा रहे हैं। जांच में रिपोर्ट पॉजिटिव मिलने पर मरीज का उपचार व नि:क्षय पोषण योजना के तहत मिलने वाले पोषण राशि दिलाने की प्रक्रिया शुरू होगी।
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नहीं छोड़ रहा बुखार, दिया सैंपल
शोहरतगढ़ क्षेत्र के बगुलहवा निवासी टीबी की संभावित मरीज शुभावती (बदला नाम) ने बताया कि वह कई दिनों की बुखार से परेशान हैं। दवा लेने के बाद बुखार उतर जा रहा है। दवा का असर खत्म होते ही बुखार चढ़ जा रहा है। टीबी होने की आशंका जताने पर सैंपल जांच के लिए दी है। जांच रिपोर्ट आने के बाद नए सिरे से उपचार कराएंगी।
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