सगीर अमान उल्लाह
बाराबंकी। नगर के मोहल्ला नबीगंज में स्थित हाजी नसीर अंसारी के आवास पर बज़्म अज़ीज़ का मासिक तरही नशिस्त मसालमा का आयोजन हुआ। नशिस्त के सदर मोहम्मद असग़र उस्मानी उर्फ़ मोहम्मद मियां थे। मुख्य अतिथि के रूप में एस एम हैदर और मोहम्मद आसिम उपस्थित रहे। तारिक़ जीलानी और इरफ़ान कुरेशी विशिष्ट अतिथि की हैसियत से मौजूद रहे। नशिस्त में शायरों ने सलाम के मिसरे पर अपनी रचनाएं प्रस्तुत की।
हाजी नसीर अंसारी ने कहा-ख़ाली जिनके दिल होंगे शाह की मोहब्बत से। दूर रक्खे जाएंगे रोज़े हश्र जन्नत से।। लखनऊ से आए इरफ़ान बाराबंकवी ने पढ़ा-कर्बला में आए थे जो बड़ी शुजाअत से। मुन्हरिफ़ हुए वो सब कलमए शहादत से।। सग़ीर नूरी ने इस तरह कहा- सब तुम्हें अता होगा पंजतन की निस्बत से।मांग करके देखो तो आज्ज़ी से मिन्नत से,हुज़ैल अहमद हुज़ैल ने कहा- शाह के मुकाबिल थी सब उन्हीं की औलादें। कल जिन्हें शिकायत थी परचम ए रिसालत से।। डॉक्टर रेहान अलवी ने अपनी रचना प्रस्तुत करते हुए कहा-निअमतें भी पाओगे जा मिलोगे जन्नत से। दिल अगर है वाबस्ता शाहे दीं की उल्फ़त से।
इनके अलावा अज़ीम मशायक़ी,सरवर रिज़वी,असलम सैदनपुरी,बाक़र नक़वी, दानिश रामपुरी, बशर मसौलवी, नुसरत मिस्बाही,असर सैदनपुरी,सरवर किंतूरी, शम्स ज़करियावी, हैदर मसौलवी, आरिफ़ शहाबपुरी और अज़हर ज़करियावी ने भी अपनी रचनाएं प्रस्तुत कीं।
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