ब्यूरो सगीर अमान उल्लाह
बाराबंकी। बताते चलें पूरा मामला नगर पंचायत जहांगीराबाद कहां है जहां पर डोभा आंगनबाड़ी केंद्र तो लाखों रुपए की लागत से बन तैयार हो गया है मगर क्षेत्र वासियों का कहना है कि आंगनवाड़ी कार्यकत्री व सहायिका नजरआती ही नहीं है इस आंगनबाड़ी के क्षेत्र में आने वाले लोगों का कहना है कि हम लोगों को बाल पुष्टाहार जो दिया जाता है वो जहांगीराबाद आंगनबाड़ी केंद्र पर बुला कर दिया जाता है तथा हमारे बच्चों को जहांगीराबाद आंगनबाड़ी केंद्र पर ही बुलाया जाता है जो तीन वर्ष के नौनिहालों को दूर जाना असंभव है वहीं पास में बने प्राथमिक विद्यालय डोभा की प्रधानाध्यापिका का कहना है की इस सेंटर पर आंगनबाड़ी कार्यकत्री नहीं आती है हमें यह भी जानकारी नहीं है कि आंगनबाड़ी केंद्र पर कितने बच्चे हैं जबकि इस आंगनबाड़ी और प्राथमिक विद्यालय का क्षेत्रफल लगभग 6 बीघा के आसपास में है अक्सर देखा गया हैं आंगनबाड़ी केंद्र को आवारा मवेशियों का रिहाईसी अड्डा बना हुआ है शाम होते ही सभी मवेशी इसी आंगनबाड़ी में अपना ठिकाना बना लेते हैं आंगनबाड़ी केंद्र की कार्यकत्री को आखिर किन अधिकारियों का संरक्षण प्राप्त है लाखों रुपए की लागत से बनी इस बिल्डिंग आंगनबाड़ी क्षेत्र के लाभार्थियों को उनके सेंटर पर क्यों नहीं सुविधा दी जा रही है।
आखिर अधिकारी क्यों मौन बैठे हैं जहाँ उत्तर प्रदेश योगी सरकार पुष्टाहार और शिक्षा को बढ़ावा देने में लगी हुई है वही ऐसे कुछ अधिकारी और कर्मचारी सरकार की योजना को चूना लगाने में पीछे नहीं आ रहे अब इससे साफ पता चल रहा है कि अधिकारियों की मिली भगत से कार्यकत्री अपने सेंटर पर ना जाकर जहांगीराबाद आंगनबाड़ी केंद्र पर ही बैठती है अब देखना यह है कि ऐसे लोगों के खिलाफ संबंधित अधिकारी संज्ञान लेकर उचित कार्रवाई होती है या नहीं।
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