सगीर अमान उल्लाह
बाराबंकी। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के जिला अध्यक्ष मो0 मोहसिन ने भारतरत्न संचार क्रान्ति के योद्धा 21वीं सदी के नायक स्व0 राजीव गांधी जी की 78वीं जयंती के अवसर पर अनेको कार्यक्रम जनपद में सम्पन्न, सर्वप्रथम राजीव जी के चित्र पर पुष्प अर्पित किया उसके उपरान्त वृक्षारोपण कार्यक्रम सम्पन्न कराते हुये नगर के कई स्कूलो में राजीव गांधी सामान्य ज्ञान की प्रतियोगिता सुशीला देवी एकेडमी, सेवेन्थ डे पब्लिक स्कूल, न्यू प्ले वे स्कूल एवं ग्लोबल एकेडमी स्कूल में प्रतियोगिता सम्पन्न कराते हुये कहा कि जिस प्रकार पूर्व प्रधानमंत्री स्व0 राजीव गांधी जी दुनिया में भारत को एक नयी पहचान दिलाने में लगे हुये थे आई0टी0 की गौरवशाली युग की नींव रखी। जिस प्रकार भारत को नयी टेक्नोलाँजी के साथ नयी बुलंदियो पर ले जा रहे थे उससे यह प्रतीत होता है व आभास कराता है कि जिस समय स्व0 राजीव जी की हत्या की गयी उस समय देश के तमाम नव युवाओ आत्महत्या या आत्मदाह करने पर विवश हो गये। आज पिछले कई सालो से भारत किस ओर जा रहा है या आज के नव युवाओ को सोचना होगा भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अनुसूचित जाति विभाग मध्य जोन के कार्यकारी अध्यक्ष श्री तुनज पुनिया ने कहा कि बेहद सरल, सौम्य एवं धैर्यवान राजनेता थे जिन्हे सिर्फ 40 साल की उम्र में देश का प्रधानमंत्री बनने का गौरव प्राप्त है उन्होने प्रधानमंत्री बनने के बाद अपनी आधुनिक विचारधारा और युवा सोच के साथ देश कां शक्तिशाली, सम्पन्न राष्ट्र बनाने में अपना अहम योगदान दिया और कम्पयूटर, संचार विज्ञान और प्रद्यौगिकी को नयी दिशा दी। इतना ही नही युवाओ के प्रिय प्रधानमंत्री स्व0 राजीव गांधी ने अपनी अदभुत कार्यशैली के चलते 18 साल के युवाओ को मताधिकार, असम मिजोरम, पंजाब समझौते, पंचायतीराज, श्रीलंका में शान्ति सेना भेजना तथा देश की युवा शक्ति को और अधिक मजबूत बनाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
कार्यक्रमो में मुख्यरूप से नगर अध्यक्ष राजेन्द्र वर्मा फोटोवाला, मो0 इरफान कुरैशी, के0सी0 श्रीवास्तव, गौरी यादव, कमल भल्ला, रामानुज यादव, रामहरख रावत, अजय रावत, अखिलेश वर्मा, अम्बरीश रावत, नसरीन खातून, प्रीति शुक्ला, नाजिया खान, सबीना खान, फरजाना खान, रानी खान, तारा चन्द्र वर्मा, रामचन्द्र वर्मा, विपिन वर्मा, अमन वर्मा, योगेन्द्र गौतम, परशुराम वर्मा, केशव राम, गुड््डू गौतम, अभय गौतम, श्रीकान्त मिश्रा, विवेक वर्मा आदि लोग मुख्यरूप से कार्यक्रमो में उपस्थित थे।
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