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एक पखवाड़े से रामरेखा नदी की रोज सफाई कर निर्मल बना रहे गोपाल जी

   सत्य स्वरूप संवाददाता

बस्ती। छावनी के पौराणिक रामरेखा ऩदी में गंदगी व जलकुभी से नदी व घाट पूरा जाम हो गया है। जिसको लेकर समाजसेवी गोपाल जी कहते है न तो काफी समय से किसी योजना के तहत नदी की सफाई नही हुआ यदि हुआ भी होगा तो महज खानापूर्ति के तहत सफाई अभियान हुआ होगा। रामरेखा नदी व घाट पर जमी गंदगी को लेकर छावनी के समाजसेवी ने  स्वयं ही सफाई करने का मन बना लिया।

   बता दे 29 मई से लगातार छावनी कस्बे के गोपालजी सोनी सुबह के समय करीब एक घंटे नदी की सफाई करने खुद अकेले पहुँच जाते है नदी के घाट की सफाई करने के बाद गोपाल जी सोनी ने कहा कि यह नदी त्रैतायुग अर्थात राम युग से जुड़ा है चौरासी कौसी अवधधाम की साधु संतो की परिक्रमा का प्रथम पड़ाव स्थल रामरेखा आश्रम है हजारो साधु इसी नदी में स्नान पूजन करते है स्थानीय विधायक अजय सिंह के पहल पर पर्यटन बिभाग के द्घारा मंदिर परिसर में लाखो की योजनो से सौन्दरीकरण का कार्य हुआ लेकिन पैराराणिक राम की रामरेखा नदी गदंगी से जाम है। रामायणकालीन किदंवती है। जनकपुर से सीता स्वंयवर के बाद अयोध्या वापस जाते समय भगवान राम मॉ सीता भाई लक्ष्मण पूरा परिवार इस जगह पर रात्रि विश्राम किये थे। सुबह माँ सीता के जल के मांग पर भगवान राम ने बाण से एक रेखा खींच जलधारा निकाल दिया था जो जगह आज रामरेखा आश्रम व रामरेखा नदी से जाना जाता है।

   नदी व घाट की स्वयं से या कुछ अन्य लोगो के सहयोग से सफाई का जो मिशन बना लिया गया व लगातार निरंतर चलता रहेगा हम रामरेखा नदी को स्वच्छ व निर्मल देखना चाहते है इस वजह से पहले स्वयं ही विगत 29 मई से नदी के सफाई में जुटा हूँ तथा जुटा रहूंगा तथा प्रतिदिन नदी को स्वयं साफ करने पहुच रहेगे मंदिर के पुजारी दयाशंकर दास व अन्य कुछलोग साथ आकर सफाई कर रामरेखा नदी के रामधारा को निर्मल करने में लगे है करीब एक पखवाड़े से नदी के घाटो की सफाई कर रामरेखा नदी की रामधारा अविरल बनाया जा रहा है।

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