गुडंबा पुलिस के बाद अब तालकटोरा ने पांच तस्करों को दबोचा, भारी मात्रा में नकली नगदी बरामद
गैंग कि दस्तक से पुलिस की कार्यशैली सवालों के घेरे में
अपराध संवाददाता
लखनऊ। आगामी विधानसभा चुनावों से पहले लखनऊ की सरजमीं पर फेंक करेंसी गिरोह की दस्तक से पुलिस कार्यशैली सवालों के घेरे में आ गई है। हाल में ही गुडंबा क्षेत्र में मुठभेड़ के दौरान चालीस हजार की नकली नगदी समेत दो की गिरफ्तारी के बाद अब पश्चिम ज़ोन की तालकटोरा पुलिस ने ऐसे गैंग पर शिकंजा कसते हुए पांच तस्करों को गिरफ्तार कर डेढ़ लाख से ज्यादा नकली करेंसी नेपाल बॉर्डर व अलग अलग जनपदों से की है। पुलिस अनुमान लगा रही है कि यह नकली करेंसी गिरोह द्वारा विधानसभा चुनावों से पहले लखनऊ ग्रामीण के इलाकों में खपाने की गिरोह की पूरी तैयारी थी। हालांकि उससे पहले तालकटोरा पुलिस ने भले तस्करों के अरमानों पर पानी डालते हुए पाँच को गिरफ्तार किया हो लेकिन लखनऊ पुलिस पर कई सवाल भी खड़े हो गए हैं। जानकारी मिली कि ठाकुरगंज थाना क्षेत्र के कैम्पबेल रोड के पास स्थित रिफा कॉलोनी में किराए के मकान में नकली नोट बनाए जाने का कारोबार चल रहा था। पुराने लखनऊ में नकली नोट बनाए जाने की सूचना लगातार पुलिस को मिल रही थी पुलिस ने सूचना के आधार पर भारत की अर्थव्यवस्था को कमजोर करने वाले नकली नोटों के कारोबार को ध्वस्त करने के लिए एडीसीपी पश्चिम चिरंजीवी नाथ सिन्हा के नेतृत्व में काम कर टीम ने आलमनगर पुल के नीचे से मदेयगंज खदरा हसनगंज के रहने वाले सलमान उर्फ आफताब, गोपालगंज बिहार के रहने वाले मोहम्मद मुबस्सीर, रामलीला ग्राउंड हसनगंज के रहने वाले मोहम्मद अरबाज, खिन्नी चौराहा शेखपुर ठाकुरगंज के रहने वाले सावेज़ खान और चारबाग जीआरपी में तैनात जनपद प्रतापगढ़ के रहने वाले सिपाही राहुल सरोज को गिरफ्तार कर 81 हज़ार से ज्यादा के नकली नोट बरामद करने के अलावा नकली नोट छापने में इस्तेमाल किए जाने वाला है कलर प्रिंटर नकली , नोट छापने में इस्तेमाल किया जाने वाला कागज़, नोटों की कटिंग करने वाले चार कटर, नोटों पर लगाए जाने वाले सुरक्षा धागा हरा टेप के अलावा अन्य सामान और 5 मोबाइल फोन बरामद किए हैं। डीसीपी सोमेन वर्मा ने बताया कि नकली नोटों के 5 कारोबारियों को गिरफ्तार किया गया है जबकि तीन की तलाश अभी बाकी है। चुनाव से पहले नकली नोटों के कारोबार का भंडाफोड़ करने वाली टीम को पुलिस कमिश्नर डीके ठाकुर ने 20 हज़ार रुपए का इनाम देने का ऐलान भी किया है।
महकमा शर्मसार, जीआरपी सिपाही भी मास्टर माइंड में शामिल
डीसीपी पश्चिम सोमेन वर्मा ने बताया कि नकली नोटों के कारोबार का मास्टरमाइंड सलमान है और सलमान की जमील नाम के व्यक्ति से दोस्ती हुई थी। जमील के द्वारा सलमान को नकली नोटों को बनाने की सलाह दी गई थी । उन्होंने बताया कि कातिलाना हमले के मामले में जेल जा चुके जमील का ट्रेवल का कारोबार था और सलमान उसके ट्रेवल में कर्मचारी था। नकली नोट के कारोबार के मास्टर माइंड जमील के द्वारा एक व्यक्ति को आशियाना थाना क्षेत्र में गोली मारी गई थी और वो जेल गया था उन्होंने बताया कि नकली नोटों के इस कारोबार में सलमान , जमील और जीआरपी के सिपाही राहुल सोनकर की भूमिका मुख्य है। उन्होंने बताया कि राहुल सोनकर ही नकली नोट बनाने में इस्तेमाल किए जाने में खरीदे जाने वाले उपकरण के लिए पैसा लगाता था। सोमेन वर्मा के अनुसार असली भारतीय मुद्रा से हूबहू मिलते जुलते नकली नकली को सलमान 10 हज़ार असली नोट के बदले 60 हज़ार के नकली नोट देता था जिसे कई लोग ग्रामीण क्षेत्रों में चलाते थे । नकली नोटों के कारोबारियों से बरामद नोटों में 20, 50 ,100, 200 और 500 के नोट शामिल है।
अपराधों से मास्टर माइंड का है पुराना नाता
बताया जा रहा है कि सलमान चोरी के मामले में जेल जा चुका है और पिछले 5 महीनों से सलमान कैम्पबेल रोड के पास रिफा कॉलोनी में मेराज खान के मकान में किराए पर रहकर धड़ल्ले से नकली नकली नोट छाप रहा था । अभी यह पता नहीं चल सका है कि सलमान के द्वारा अब तक कितने नोट छाप कर मार्केट में खा पाए गए हैं । डीसीपी का कहना है कि इससे भी इनकार नहीं किया जा सकता कि नकली नोटों की खपत आगामी विधानसभा चुनाव में की जा सकती थी।
नही जुड़े गुडंबा से तार
यूपी में आचार संहिता लागू होने के बाद बीते तीन से चार दिन में ही उत्तरी और पश्चिम ज़ोन में नकली नोटों के गिरोह के दस्तक से जहाँ हड़कंप मच गया है। वही गिरोह के सदस्यों से अलग अलग नकली नगदी बरामद होने के बाद पुलिस सक्रियता भी सवालों के घेरे में है। अचार संहिता लगने के बाद आम आदमी को बिना पुख्ता जानकारी के दस हजार रुपये से ज्यादा भी रखने की मंजूरी शासन ने नही दी है। ऐसे में हफ्ते भर के भीतर अलग अलग इलाके से नकली करेंसी के बरामद होने के बाद पुलिस पर भी सवाल उठ रहे हैं की आखिर कैसे ये तस्कर लखनऊ में नकली करेंसी का कारोबार करने आ गए और कमिश्नरेट पुलिस को भनक तक नही लगी।
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