संवाददाता
बाराबंकी। उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान जल्द हो सकता है। गुरुवार को लखनऊ में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मुख्य चुनाव आयुक्त ने साफ कर दिया है कि यूपी में तय समय पर ही चुनाव होगा। 5 जनवरी के बाद कभी भी चुनाव की तारीखों का ऐलान हो सकता है।
क्या कहता है 2022 का समीकरण?
यूपी में इस बार सिर्फ दो पार्टियों में ही कड़ा मुकाबला देखने को मिल सकता है। समाजवादी पार्टी इस बार सत्तारूढ़ बीजेपी को कड़ी टक्कर देती नजर आ रही है। जहां एक तरफ बीजेपी ने चुनाव से पहले धड़ाधड़ गरीबों को कई योजनाओं का लाभ देकर तथा कट्टर हिंदुत्व के नाम पर चुनाव में उतरी है तो वहीं सपा भी बीजेपी के पिछले 5 सालों के कार्यकाल पर सवाल खड़ा करके एक बार फिर विकास के नाम पर ही जनता के बीच में पहुंच रही है। जिस तरह से अखिलेश यादव की विजय रथ यात्रा में भारी भीड़ देखने को मिल रही है उससे तो यही लगता है कि बीजेपी के लिए आगे की डगर कठिन होने वाली है।
किसके हाथ में होगा कुर्सी विधानसभा का नेतृत्व?
वर्तमान में कुर्सी विधानसभा सीट पर बीजेपी का कब्जा है। यहां पर सकेन्द्र प्रताप वर्मा वर्तमान में विधायक हैं लेकिन हर बार क्षेत्र की जनता यहां से नया प्रत्याशी चुनकर भेजती है। लोगों का आरोप है कि हमें क्षेत्र के विकास की जितनी उम्मीद अपने विधायक से थी वह उतना काम नहीं कर पाए। उनके प्रति लोगों की नाराजगी सपा की उम्मीदों को बढ़ा रही है। लेकिन जनता तभी सपा को वोट करेगी जब सपा कोई नया प्रत्याशी यहां से उतारेगी, क्योंकि पूर्व विधायक हाजी फरीद महफूज की लोकप्रियता बिल्कुल खत्म हो चुकी है। उनके प्रति भी लोगो की नाराजगी देखी जा सकती है। लेक8न वो सपा के बड़े नेताओं में शुमार हैं उनका टिकेट काटना सपा के लिए आसान नही होगा।ये नेता पेश कर रहे मजबूत दावेदारी
इस सीट पर सपा के कई मजबूत दावेदार हैं। जिनमें चौधरी उबैद अहमद, जीशान असलम, अदनान चौधरी, मजबूत दावेदारी पेश कर रहे हैं। चौधरी उबैद के प्रति लोगों में उत्साह देखा गया है अगर सपा उनको अपना प्रत्याशी घोषित करती है तो कुर्सी विधानसभा सीट सपा आसानी से जीत सकती हैं।
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