जावेद शाकिब
बाराबंकी। योगीराज में सरकारी स्कूल की अव्यवस्थाओं को कवरेज करना एक पत्रकार को भारी पड़ गया। स्कूल स्टाफ द्वारा पत्रकार से अभद्र व्यवहार करते हुए उसे धक्का देकर परिसर से बाहर कर दिया गया। पत्रकार द्वारा इसका विरोध करने पर प्रिंसिपल व स्टाफ के अन्य लोगों ने मिलकर उसे बंधक बना लिया। स्थानीय पुलिस द्वारा पत्रकार को वहां से छुड़ाया गया। फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर आगे की कार्रवाई की बात कर रही है।
आपको बता दें कि जनपद बाराबंकी के हरख ब्लाक अंतर्गत तीर गांव कस्बे में ग्रामीणों द्वारा लगातार पत्रकार को सूचना दी जा रही थी कि पूर्व माध्यमिक विद्यालय में स्कूल स्टाफ द्वारा लगातार लापरवाही बरती जा रही है। आए दिन अध्यापक गायब रहते हैं और अगर आते भी हैं तो आपस में गपशप करते हैं पढ़ाई तो बिल्कुल भी नहीं होती, इससे हमारे बच्चों का भविष्य खराब हो रहा है। जब हम लोगो ने इसकी शिकायत प्रिंसिपल से की तो उन्होंने साफ कह दिया कि अगर अच्छी पढ़ाई करवानी है तो अपने बच्चों का एडमिशन किसी प्राइवेट स्कूल में करवाओ यहां क्यों भविष्य बर्बाद करते हो।
पत्रकार द्वारा जब इस बारे में स्कूल स्टाफ से बात करनी चाही तो प्रिंसिपल अजय सोनार ने पत्रकार को गाली देते हुए उससे धक्का-मुक्की व अभद्रता की। पत्रकार का आरोप है कि पूरे स्टाफ द्वारा मुझे थप्पड़ मारे गए और स्कूल में ही बंधक बना लिया गया पुलिस के पहुंचने पर मुझे यहां से छोड़ा गया है। इस मामले में पत्रकार सत्येंद्र ने थाने में आरोपियों के विरुद्ध तहरीर दी है पुलिस ने जांच कर कार्रवाई की बात कही है।
आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश में यह पहला मामला नहीं है जब किसी सरकारी कर्मचारी द्वारा पत्रकार का उत्पीड़न किया गया हो। आए दिन ऐसे मामले सामने आते रहते हैं। लेकिन सरकारें इस पर मौन धारण कर लेती हैं। अपनी वाहवाही के लिए सरकार सिर्फ मौखिक तौर पर पत्रकार सुरक्षा के दावे करती है लेकिन पत्रकारों से अभद्रता करने वाले सरकारी कर्मचारी या किसी राजनीतिक पार्टी के नेताओं पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं करती। ऐसे में देश के चौथे स्तंभ का मनोबल टूट रहा है अगर जल्द ही सरकार पत्रकारों की सुरक्षा के लिए कोई कानून नहीं बनाती हैं तो समाज की हकीकत दिखाने वाले इस स्तंभ को भ्रष्ट तंत्र द्वारा पूरी तरह से गिरा दिया जाएगा।
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